समंदर-सी चाह लिये चलता हूँ होठों पे इक आह लिये चलता हूँ ! रंजिशों से भरी इस दुनियाँ में सबकी परवाह लिये चलता हूँ ! भावनाओं की दरिया है गहरी हर क़दम थाह लिये चलता हूँ ! चोट लगी है दिल पर कई बार दर्द खामखाह लिये चलता हूँ ! मंज़िल मुझे मिले न मिले मलय मुहब्बत की राह लिये चलता हूँ ! ©malay_28 #चलता हूँ #MerryChristmas