दिल के अनजान शहरो में काफिलों का आना जाना है कहाँ बची वो बेइंतहा मोहब्बत जिसकी शबनम से ही घर का दीया जलाना है बीच सड़क पर कटी इश्क़ की दो राते बाकी हर कही बिराना है दिल क्या दिया उन्हें वो उसे मोहब्बत समझ बैठे जहाँ हर रोज किसी का आना जाना है मत समझो इसे दिल की धड़कन लवो पर कोई और दिल में किसी और का ठिकाना है दो पल इस ज़िन्दगी हर किसी को मर के लौट जाना है। धन्यवाद ©Writer Geeta Sharma dil ki bathe #LostInNature