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Meri Diary #Vs❤❤ महान क्रांतिकारी, देश की स्वाधीनत

Meri Diary #Vs❤❤
महान क्रांतिकारी, देश की
स्वाधीनता के लिए 17 वर्ष 
की अल्प आयु में मातृभूमि 
के लिए अपने प्राणों की आहुति 
देने वाले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम 
के अमर सेनानी,माँ भारती के वीर 
सपूत खुदीराम बोस जी की पुण्यतिथि 
पर उन्हें कोटिशः नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि....।
🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏
🙏🌺जय हिन्द जय भारत🌺🙏
 🙏🇮🇳भारत माता की जय🇮🇳🙏
      🙏🇮🇳🙏🇮🇳🙏🇮🇳🙏
✍️Vibhor vashishtha Vs ब्रिटिश राज में फांसी पर चढ़ाए गए पहले क्रांतिकारी खुदीराम बोस को 13 जून, 1908 को मौत की सजा सुनाई गई थी! जब जज ने फैसला पढ़कर सुनाया तो खुदीराम बोस मुस्कुरा उठे! जज को लगा कि खुदीराम बोस निर्णय को समझ नहीं पाए हैं, इसलिए वे मुस्कुरा रहे हैं! तो जज ने पूछा कि क्या तुम्हें सजा के बारे में पूरी बात समझ आ गई है? इस पर बोस ने दृढ़ता से जज को कहा कि "ये मेरा सौभाग्य है कि जिस देश की मिट्टी का मैंने नमक खाया है, देश के लिए फांसी के तख्ते पर झूल कर आज उस मिट्टी का कर्ज चुकाने का मौका मिला है!"

11 अगस्त, 1908 को सुबह 6 बजे हाथ में भगवत गीता लेकर खुदीराम बोस हंसते-हंसते फांसी पर झूल गए! उस समय उनकी आयु मात्र 18 साल 8 महीने और 8 दिन थी!
Meri Diary #Vs❤❤
महान क्रांतिकारी, देश की
स्वाधीनता के लिए 17 वर्ष 
की अल्प आयु में मातृभूमि 
के लिए अपने प्राणों की आहुति
Meri Diary #Vs❤❤
महान क्रांतिकारी, देश की
स्वाधीनता के लिए 17 वर्ष 
की अल्प आयु में मातृभूमि 
के लिए अपने प्राणों की आहुति 
देने वाले भारतीय स्वतंत्रता संग्राम 
के अमर सेनानी,माँ भारती के वीर 
सपूत खुदीराम बोस जी की पुण्यतिथि 
पर उन्हें कोटिशः नमन एवं विनम्र श्रद्धांजलि....।
🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏🌺🙏
🙏🌺जय हिन्द जय भारत🌺🙏
 🙏🇮🇳भारत माता की जय🇮🇳🙏
      🙏🇮🇳🙏🇮🇳🙏🇮🇳🙏
✍️Vibhor vashishtha Vs ब्रिटिश राज में फांसी पर चढ़ाए गए पहले क्रांतिकारी खुदीराम बोस को 13 जून, 1908 को मौत की सजा सुनाई गई थी! जब जज ने फैसला पढ़कर सुनाया तो खुदीराम बोस मुस्कुरा उठे! जज को लगा कि खुदीराम बोस निर्णय को समझ नहीं पाए हैं, इसलिए वे मुस्कुरा रहे हैं! तो जज ने पूछा कि क्या तुम्हें सजा के बारे में पूरी बात समझ आ गई है? इस पर बोस ने दृढ़ता से जज को कहा कि "ये मेरा सौभाग्य है कि जिस देश की मिट्टी का मैंने नमक खाया है, देश के लिए फांसी के तख्ते पर झूल कर आज उस मिट्टी का कर्ज चुकाने का मौका मिला है!"

11 अगस्त, 1908 को सुबह 6 बजे हाथ में भगवत गीता लेकर खुदीराम बोस हंसते-हंसते फांसी पर झूल गए! उस समय उनकी आयु मात्र 18 साल 8 महीने और 8 दिन थी!
Meri Diary #Vs❤❤
महान क्रांतिकारी, देश की
स्वाधीनता के लिए 17 वर्ष 
की अल्प आयु में मातृभूमि 
के लिए अपने प्राणों की आहुति