नादाँ लड़की!!! कुछ भी मुश्किल नहीं अगर काँच को काँच और हीरे को हीरा-- समझ सकने में भूल नहीं हुई है लहरों की अतल गहराई में जाना ही क्यों? साहिल पर रेत के घर बनाना ही क्यों? ऐसी यादों को जो रुलाती हैं जमींदोज कर एक पौधा नेह का रोप दो जिसके नवाँकुर की तरह हृदय में प्रस्फुटित होगा प्रेम उसकी छाया की शीतलता और तुम्हारी स्निग्ध आँखों में मुझे दीखता है अपना संसार तुम्हारी अल्कों की श्यामलता में टंके तारों की घनी छाँव बन जाये सदा सर्वदा मेरी ठाँव जहाँ हम जी सकें जन्म जन्मांतर मेरी आकुल बाँहें रहीं पुकार जहाँ तुम्हारा सदा स्वागत है। प्यारी लड़की!!! #shamaurtanhai #276 #anam #365days365quotes