फूंकते थे हम जिसे जोरों से,जो उसपे जरा सी आँच भी पडे, इश्क करने से पहले तोड दिया वो दिल उन्होंने काँच की तरह, हम जोडते रहे दिल के तुकडों को इस उम्मीद से कि धडकेगा, और जो चमकता था सूरज की तरह सीने मे,वो ढल गया साँझ की तरह ।। lines from my poem "dil ki jagah na dil hoga" 2014 poetry #olddiary #yqbaba #yqdidi #hundredthquote #heartbroken #heart #hindi #hindipoetry