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दिन, महीने, साल, हर घड़ी का पहले से हिसाब हो रक्खा

दिन, महीने, साल, हर घड़ी का पहले से हिसाब हो रक्खा है,
साला ये जिन्दगी भी जैसे, कोई छपा हुआ किताब हो रक्खा है।

किसी बिगड़े हुए हालात को बदलने की कोशिश में,
जो कुछ ठीक था वो भी जैसे खराब हो रक्खा है।

©Yadav Rajveer #WinterEve 
#joblife
#life #शायरी #Poetry #gazal
दिन, महीने, साल, हर घड़ी का पहले से हिसाब हो रक्खा है,
साला ये जिन्दगी भी जैसे, कोई छपा हुआ किताब हो रक्खा है।

किसी बिगड़े हुए हालात को बदलने की कोशिश में,
जो कुछ ठीक था वो भी जैसे खराब हो रक्खा है।

©Yadav Rajveer #WinterEve 
#joblife
#life #शायरी #Poetry #gazal