एक प्रयास:- सागर ने पुकारा तो सरिता चली आई । हम भी लिखने लगे जब याद तेरी आई । तुम हो पंक्ति गीतों की, आँखे ग़ज़ल कहलाई । जब हो प्रेम दोहा सा, जीवन मुक्तक बन जाई ।। #मुक्तक💝 preeti Bhagat 💞 Srashti.....N.S.💞 Shayarana andaz hai🌼