part2 बहु अपनी सांस से कहती है कि अम्मा आपको जितना भोजन चाहिए आपको उतना ही भोजन मिल जाएगा फिर बहु सांस को खुद भोजन देने लगी फिर अम्मा हनुमान जी को अपना आधा भोजन हनुमान जी देती है ओर आधा खुद खा लेती है, यह बहु देख लेती है ओर अम्मा का भोजन आधा कर देती है फिर अम्मा उसमे से भी आधा भोजन हनुमान जी को देती है फिर से बहुत देख लेती है ओर एक तिहाई भोजन देने लगती है ओर अम्मा अब पूरा भोजन हनुमान जी को दे देती है फिर से बहु को पता लग जाता है कि सासु मां हनुमान जी भोग लगाती है ओर अम्मा को भोजन देना बंद कर देती है यह देख कर हनुमान जी आते है ओर अम्मा को रोटी देते है और फिर अम्मा रोटी से चुरमे का लड्डू बनाकर हनुमान जी को आधा भोजन देती है ओर कहती है मैं आपा मे देऊ तु मेन बुढापा मे दिय ओर आधा खुद खा लेती है ऐसे काफी दिन बीत जाते है ©Nikita Garg दादी की कहानी #kahaani #dadikikahaniyaan #story #nojatohindi #nojotostory #motivatation Sudha Tripathi IshQ परस्त {Official} NIKHAT الفاظ جو دل چو جائے