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झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया, इससे बेहतर था खुलक

झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया, इससे बेहतर था खुलकर रो लिए होते

©Sandeep Hariprasad Choudhary ज़ख्म पर दो शब्द ✍️
झूठी हँसी से जख्म और बढ़ता गया, इससे बेहतर था खुलकर रो लिए होते

©Sandeep Hariprasad Choudhary ज़ख्म पर दो शब्द ✍️