नवरात्रि के चतुर्थ दिवस को करते हैं प्रेम पूर्वक मां कुष्मांडा की पूजा। सृष्टि की आदि सरूपा और अष्ट भुजाधारी, सिंह की सवारी करती हैं । ब्रह्मांड को उत्पन्न करने वाली मां कुष्मांडा के सिवा ना है कोई दूजा। सभी आधियों-व्याधियों से मुक्त करती सुख समृद्धि प्रदान करती हैं। ⚜️ Open for Collab ⚜️ Brought to you by Proverbs World 💙 🔹 Part of Proverbs World Happy Navratri Contest #PWhappyNavR4 (Round 4) 🔹 Write ABAB Rhyme scheme poem.