ये मौसम का जादू देखो बहकाये मन मेरा रे। ठण्डी ठण्डी हवा चले जो दहकाये तन मेरा रे। भाप हुए सब दर्द हमारे सुख बूंदों में बरखा रे। अपनेपन का भाव जगा सबने हमको परखा रे। हम मिलने की चाहत में एक छतरी ले आए हैं। आना तुम बारिश में मिलने पत्री भी दे आये हैं। सह लेंगे बरसातें आँधी धूप नहीं लगने देंगे। एहसासों के लेन देन में तुमको ना ठगने देंगे। बोलो दिल का क्या कुसूर दोष लगाए पंक्षी' में! इश्क़ हवा ख़ुश्बू पे यारा ना लगता कोई पहरा रे। ♥️ Challenge-991 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।