हां तूमने ठीक कहा, मैं बंजर हो गया हूं... सलीके से जीते जीते हां अब नहीं फूटता कोई लब्ज़ होटों से मन का हां अब नहीं टपकता किसी बात पे आंसू , हवा भी चलती है पर उड़ते नही अब बाल हठीले हां नहीं उपजती अब कोई खुशबू जिस्म से हां तुमने ठिक कहा मैं बंजर हो गया हूं , हां मैंने सुना "बंजर" जो मैं हो गया हूं हां पर तुम ये भी नहीं पूछोगे के मैं जो था, ऐसा तो नहीं था, बंजर हां मुझमें भी बसती थी, इक खाद जज्बातों वाली ! -VKD बंजर क्या ? . ©VKD KAPIL #achievement #बंजर #vkdkapil #vkdworld #VKD #vkd10oct #vkd1010 #monimybook