इंडिया से एक आदमी अमेरिका जाता है और वो माइक्रसॉफ़्ट का चीफ़ बन जाता है, एक आदमी गूगल का CEO बन जाता है, एक आदमी अडोबी का CEO बन जाता है और एक आदमी IBM का CEO बन जाता है। Forbes की फ़ॉर्चून 500 कंपनीज में 30% CEOs इंडिया से हैं… ऐसे ही साउथ अफ़्रीका से एक आदमी अमेरिका जाता है और वो अमेरिका जाकर न केवल अमेरिका का सबसे बड़ा आदमी बनता है बल्कि वो दुनिया का सबसे बड़ा आसनी बन जाता है, अमेरिका सरकार का सबसे बड़ा क्रिटिक होकर भी वो दुनिया में फ़्री स्पीच का सबसे बड़ा प्लेटफ़ॉर्म ख़रीदता है, ऐसा कर पाता है, वो ऐसा कर पाता है क्यूँकि अमेरिका दुनिया भर से आयी प्रतिभाओं का सम्मान करता है, वो सब नागरिकों को और यहाँ तक कि विदेशों से वीज़ा लेकर काम करने आए लोगों को भी अपने देश की तरक़्क़ी का भागीदार मानता है, उन्हें आगे बढ़ने का मौक़ा देता है। और ऐसे समय में हम क्या कर रहे हैं? हम यानि दुनिया के सबसे यंग पॉप्युलेशन वाले देश अपने युवाओं को रोज़गार तो दे नहीं रहे बल्कि उन्हें एक दूसरे के कान में अज़ान और हनुमान चालीसा चिल्लाने के काम पर लगाए हुए हैं… जब इस दौर का इतिहास लिखा जाएगा तो उसमें ये भी लिखा जाएगा कि जब दुनिया के लोग तरक़्क़ी कर रहे थे तब भारत के 90 करोड़ लोग खाने के लिए मुफ़्त सरकारी 5 किलो अनाज पर पल कर धर्म बचा रहे थे। ©Altaf Raza DELHIVI #India #andhbhakt #नफरत #Dil #Light