क़भी ऐसा मंज़र ज़िन्दगी में सबकी आता है। पर फ़ितरत है इंसां की ऐसी सब भूल जाता है।। क्या थे हम और अब क्या से क्या हो गए हैं 🥀 ______________________________________ 🎶🎶🎶🎶🎶🎶🎶 ख्वाबों को जगा ना मिली