फरिश्ते ये रिश्ते ना होते है जमीं पर इच्छाओं की वहां पे कोई राह नहीं है। तू खुश रहे है है आशा ए दिल नही दिल में कोई मऔर जुस्तजू है। क्या तेरा क्या मेरा क्या पाया क्या खोया। रुहानी एहसास से मुझ में तू है समाया। समर्पण ये दिल ए दर्पण लब्जों में बयां की जरूरत नहीं है। रुहानी रिश्ते होते फरिश्ते मिट्टी की जंजीरों से मत बांध मुझे तू। साथ दिल का है यह दिल का एहसास है यह दूरियों में भी मुझ में बसा करता तू। #फरिस्ते