सुबह की धुंध से लेकर शाम की भीनी भीनी सी हवा तक कोहरे से ढके सरसों के उन खेतों से लेकर चूल्हे पर पकी मक्के की रोटी तक मधुमक्खियों के छत्ते के मन ललचाने वाले शहद से लेकर पक्षियों की मधुर चहचहाहट तक सभी का एहसास होने लगा है हो भी तो क्यों ना मेरे गांव में आगमन की वैला का समय जो होने लगा है ©kirtesh #village #nojoto #poem