मैंने अक्सर देखा है लोगो को.... जब प्रेम होता हैं तब एक दूसरे से अच्छा दुनिया मे कोई नही लगता... लेकिन जब दोनों में से कोई एक उस रिश्ते से जाने की बात करता हैं तो अचानक जो सबसे प्यारा था वही दुनिया मे सबसे बुरा बन जाता हैं.... उसके प्रति तमाम तरह की बद्दुआएं उसका हर सुख हर खुशी छीन लेने की बाते होने लगती हैं... मुझे नही पता लोग ऐसा कैसे कर लेते हैं कल तक जिससे खुद से ज्यादा प्यार था अचानक नफरत में कैसे बदल सकता हैं किसी के प्रति प्रेम कैसे खत्म हो सकता है... क्या वाकई प्रेम केवल साथ रहने तक कि भावना हैं... मुझे नही लगता अगर किसी को सच्चे दिल से चाहो तो उसके लिए कभी दुख की कामना की जा सकती हैं उसके प्रति नफरत उत्तपन्न हो सकती हैं कल तक जिसके चेहरे की मुस्कान तुम्हारी मुस्कान थी... अचानक उसकी खुशियो को छिनने की बात की जा सकती हैं ... प्रेम तो हमारे ह्रदय की भावना है उसका किसी और के किये का प्रभाव कैसे पड़ सकता है। प्रेम कभी मर ही नही सकता अगर किसी के प्रति प्रेम है तो जीवनपर्यंत ह्रदय में उसके प्रति प्रेम रहता है चाहे वो साथ हो या न हो... प्रेम करने के लिए नही जीने के लिए है...💕... ©Rihan khan प्रेम और विश्वास गीत बस एक ख़्याल