मैं पतझड़ मौसम जैसी हूँ.. तुम बसंत के कोयल जैसे.. मैं रात के अंधरे जैसी हूँ.. तुम उस रात के चंद जैसे... कहना तो है मगर क्या कहूँ अब.. तुम मेरे हर ऋतु के सुकून जैसे हो.. मैं उस सुकून के छाया जैसी...... #goodwalievening #lalithasai #myworld शुभ वाली संध्या.. जी... 🤗☕️☕️ सबको.. ☕️☕️