Alone ये दुनियही अजिब सबके नियत मे हे खोट । सबको देते नोट और खरीदते हे वोट। अरे शकलं पे ना जाऊ देखो इनकी नियत को। वेसे लोगोको रोको ओर फिर भी ना माने तो उणे बीच रस्ते पे ठोको। मे जो केहरहा हू ये सब केहनेकीही बात हे। कमिनोके सरपर नेताओ का हात हे। और गरिबोको पडती हरबार लात हे। फिल्मो मे दिखाते हे सब नकली असलीयत मे होती हरबार मात हे। आज गरीब सो राहाहे भुका पेठ और अमीर फेकरहाहे कचरेमे खाना ये हमारी और उनकी बीच की औकात हे। 😞😞😞😞 comment me it's true or false