दाग़ मेरे चहरे पर दाग बस तुम्हारी निशानी है, काजल की डिबिया वही पुरानी है, तेजाब से नाहाने का रिवाज क्या चला, ये जला हुवा चेहरा तुम्हारी मेहरबानी है। #shivi #दाग़