इस बार , गम का मौसम ठीक रहा , आँखों ने बारिशें भी वक्त पर की , दिल की जमीं में नमी रही , तो कुछ दर्द के बीज , उग आए नई कविता , गजल बन कर ! यानी , रचनाओं की फसल इस बार अच्छी हुई । अब उम्मीद है की बस , अदब की महफ़िल में यह भाव अच्छे भाव में जाएं ! और कविजन कुछ , आत्म संतुष्टि कमाएं ! ✍️विनोद #kavita #shayri #lafaz #gam #barish #kavi #1kfollower NURI 😜.....(SARAVJEET KAUR)