तजुर्बों से गुजरी जिंदगी इतिहास रचती है हम खुद तजुर्बे है जिंदगानी लिखेंगे हम बड़ी शिद्दत से संजोये हैं सारे जख्म मैंने जख्मों की सीढ़ी चढ़ मंज़िल करेंगे हम तुम सोचते रहो तुम्हे क्या चाहिए अभी तेरे ही कंधो पे चढ़ आगे बढ़ेंगे हम अभी शब्दों में है पर एक दिन दिखलाऊंगा तुमको फिर एक दिन मेरी ही जिंदगी चुनोगे तुम।