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एक गली में मेरा ख़्वाब जलता रहा लोग हंसते रहे,मैं प

एक गली में मेरा ख़्वाब जलता रहा
लोग हंसते रहे,मैं पिघलता रहा,

टूट कर जिसकी तमन्नाओं को
मैं ने बनाया था एक आशियां,
लोग कुदरत को दोषी बनाते रहे
मेरे घर के चराग़ों का क्या कहूँ,
मेरे इस हाल पर वो भी जलता रहा,

मैं मेरी गली से बहुत दूर था
जलते तमन्नाओ से बेख़बर मैं रहा

सजाया था मैं कुछ रोज पहले
मेरे आशियां की तम्मन्ना भी रही
मैं जलते बर्फ पर फूंक भी मारी
वो जलते बर्फ़ पर तालियां बजाता रहा,

इस गली में यार थे बहुत मेरे
सबने कोशिश ये की बचाता रहा,

मैं ने बुझी आग तो दराज़ों में देखा
मेरी लिखी ग़ज़ल कह सी रही थी,
वो कोशिश में बस घी ही बहाता रहा
लोग हंसते रहे मैं पिघलता रहा।

#कुमार किशन #ice❄️🔥fire
एक गली में मेरा ख़्वाब जलता रहा
लोग हंसते रहे,मैं पिघलता रहा,

टूट कर जिसकी तमन्नाओं को
मैं ने बनाया था एक आशियां,
लोग कुदरत को दोषी बनाते रहे
मेरे घर के चराग़ों का क्या कहूँ,
मेरे इस हाल पर वो भी जलता रहा,

मैं मेरी गली से बहुत दूर था
जलते तमन्नाओ से बेख़बर मैं रहा

सजाया था मैं कुछ रोज पहले
मेरे आशियां की तम्मन्ना भी रही
मैं जलते बर्फ पर फूंक भी मारी
वो जलते बर्फ़ पर तालियां बजाता रहा,

इस गली में यार थे बहुत मेरे
सबने कोशिश ये की बचाता रहा,

मैं ने बुझी आग तो दराज़ों में देखा
मेरी लिखी ग़ज़ल कह सी रही थी,
वो कोशिश में बस घी ही बहाता रहा
लोग हंसते रहे मैं पिघलता रहा।

#कुमार किशन #ice❄️🔥fire