लाख मसक्कत के तेरा दिया ख़ार निकाल न सके कम्मखत दिल है जो तुझे बसाये बैठा है ,किसी और को बसा न सके आबाद रहा तेरे दिये गमों से ये दिल कुछ और रहा नहीं याद, भुला तुझे न सके nojoto'Maya'shayari# ख़ार -कांटा