संग रहो भगवन, हाथ में जैसे कंगन! ह्रदय से करूँ मैं स्तवन हे कान्हा हे चित्तरंजन! बिसरे न कभी नाम तेरा, मनुहार इतनी हे दुख भंजन! बीते मेरा समस्त जीवन, प्रभु आपके चरणन! ना भूलूँ ना छूटे कभी, सदा करता रहूँ मैं तेरे चरणवंदन! मेरे आराध्य तुम्हें श्रद्धये नमन।! 🎀 Challenge-292 #collabwithकोराकाग़ज़ ❤ जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ ❤ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है।