सोचता हर सख्श है,मगर हर सख्श लिखता नहीं। चंद सिक्कों,चंद नोटों पे,हर सख्श बिकता नहीं।। मर-मिटता है हर सख्श,इश्क की दीवानगी में। पर वतन की खातिर जहाँ में हर सख्श मिटता नहीं।। 🇮🇳"जय-हिन्द"🇮🇳 ©Viswa Sachan #Deshbhakti_हर_सख्श_लिखता_नहीं__❤️