संस्कारों के गारे में सानकर- बना हुआ घर, विरासतों को सहेजकर मुस्कुराता रहे। परंपरा की शिलाओं से इसकी मजबूत चार-दीवारी गृहस्थी को सदैव सुरक्षित रखे । महकता रहे घर का आँगन, पँछी मुंडेर पर बैठ कलरव करें । मैं बैठकर सुकून से बरामदे में लिखूँ, मेरी क़लम जीवन के रंगों को, सफ़ों पर उकेरती रहे । खुशियों की महक़ से सजा 'सपनों का घर'! बन गुलिस्ताँ महकता रहे। #collabwithकोराकाग़ज़ #कोराकाग़ज़ #हमलिखतेरहेंगे #गुलिस्ताँ #yqdidi #yqbaba #YourQuoteAndMine Collaborating with Shelly Jaggi