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उस रोज तुम्हारे हाथों को थामा तो ख़याल आया "तेरी ब

उस रोज तुम्हारे हाथों को थामा तो ख़याल आया 
"तेरी बाहों में पिघल कर मैं 'संगम' हो जाऊँ,
 गंगा सा पावन, यमुना सा चंचल हो जाऊँ"
तभी नाविक ने कहा "देखिए, यही है संगम, 
यहीं पर मिलती हैं गंगा और जमुना"
मैंने तुम्हारी आँखों में देखा और मन ही मन कहा
"ये हमारा भी तो मिलन है"
और तुम्हारी आँखों में झलकते प्रेम ने मानों हामी भर दी हो।
हर वर्ष जानें कितने जोड़े मिलते हैं संगम पर,
 जानें कितनी प्रेम कहानियों का संगम है ये।
पर क्या जानते हैं आप ? हर एक प्रेम कहानी गंगा और जमुना जैसी नहीं होती, कालजयी।
विलुप्त हो जाती हैं वे सरस्वती की तरह।

©Shivam Tiwari #संमम_विलुप्त_सरस्वती_शायद_मेरे_प्रेम_तरह
उस रोज तुम्हारे हाथों को थामा तो ख़याल आया 
"तेरी बाहों में पिघल कर मैं 'संगम' हो जाऊँ, 
गंगा सा पावन, यमुना सा चंचल हो जाऊँ"
तभी नाविक ने कहा "देखिए, यही है संगम,
 यहीं पर मिलती हैं गंगा और जमुना"
मैंने तुम्हारी आँखों में देखा और मन ही मन कहा "ये हमारा भी तो मिलन है"
और तुम्हारी आँखों में झलकते प्रेम ने मानों हामी भर दी हो।
उस रोज तुम्हारे हाथों को थामा तो ख़याल आया 
"तेरी बाहों में पिघल कर मैं 'संगम' हो जाऊँ,
 गंगा सा पावन, यमुना सा चंचल हो जाऊँ"
तभी नाविक ने कहा "देखिए, यही है संगम, 
यहीं पर मिलती हैं गंगा और जमुना"
मैंने तुम्हारी आँखों में देखा और मन ही मन कहा
"ये हमारा भी तो मिलन है"
और तुम्हारी आँखों में झलकते प्रेम ने मानों हामी भर दी हो।
हर वर्ष जानें कितने जोड़े मिलते हैं संगम पर,
 जानें कितनी प्रेम कहानियों का संगम है ये।
पर क्या जानते हैं आप ? हर एक प्रेम कहानी गंगा और जमुना जैसी नहीं होती, कालजयी।
विलुप्त हो जाती हैं वे सरस्वती की तरह।

©Shivam Tiwari #संमम_विलुप्त_सरस्वती_शायद_मेरे_प्रेम_तरह
उस रोज तुम्हारे हाथों को थामा तो ख़याल आया 
"तेरी बाहों में पिघल कर मैं 'संगम' हो जाऊँ, 
गंगा सा पावन, यमुना सा चंचल हो जाऊँ"
तभी नाविक ने कहा "देखिए, यही है संगम,
 यहीं पर मिलती हैं गंगा और जमुना"
मैंने तुम्हारी आँखों में देखा और मन ही मन कहा "ये हमारा भी तो मिलन है"
और तुम्हारी आँखों में झलकते प्रेम ने मानों हामी भर दी हो।