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ना सरवर ना बावड़ी ना बरगदर की छाँव है सोने सी चमकती

ना सरवर ना बावड़ी ना बरगदर की छाँव है
सोने सी चमकती बालू रेत का रेगिस्तान है!

मेरे मरूधर की शान का क्या मैं करूँ बखान
लहू से सींचा वीरों ने ये, वो मातृभूमि महान है!
 
घास की रोटी खा कर अमर हुए प्रताप महान
कुम्भा, सांगा और जन्मे यहाँ पृथ्वीराज चौहान है!

पग पग पर सजी वीरगाथाएँ गौरव की खान हैं
बलि बलि जाऊँ मैं ऐसा मेरा सजीला राजस्थान है!

शौर्य के अद्भुत इतिहास का असम्भव गुणगान है
आह्लादित,गर्वित करता नाम जय जय राजस्थान है! ना सरवर ना बावड़ी ना बरगदर की छाँव है
सोने सी चमकती बालू रेत का रेगिस्तान है!

मेरे मरूधर की शान का क्या मैं करूँ बखान
लहू से सींचा वीरों ने ये, वो मातृभूमि महान है!
 
घास की रोटी खा कर अमर हुए प्रताप महान
कुम्भा, सांगा और जन्मे यहाँ पृथ्वीराज चौहान है!
ना सरवर ना बावड़ी ना बरगदर की छाँव है
सोने सी चमकती बालू रेत का रेगिस्तान है!

मेरे मरूधर की शान का क्या मैं करूँ बखान
लहू से सींचा वीरों ने ये, वो मातृभूमि महान है!
 
घास की रोटी खा कर अमर हुए प्रताप महान
कुम्भा, सांगा और जन्मे यहाँ पृथ्वीराज चौहान है!

पग पग पर सजी वीरगाथाएँ गौरव की खान हैं
बलि बलि जाऊँ मैं ऐसा मेरा सजीला राजस्थान है!

शौर्य के अद्भुत इतिहास का असम्भव गुणगान है
आह्लादित,गर्वित करता नाम जय जय राजस्थान है! ना सरवर ना बावड़ी ना बरगदर की छाँव है
सोने सी चमकती बालू रेत का रेगिस्तान है!

मेरे मरूधर की शान का क्या मैं करूँ बखान
लहू से सींचा वीरों ने ये, वो मातृभूमि महान है!
 
घास की रोटी खा कर अमर हुए प्रताप महान
कुम्भा, सांगा और जन्मे यहाँ पृथ्वीराज चौहान है!
anitasaini9794

Anita Saini

Bronze Star
New Creator
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