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बड़े चाब से लिखता हूँ मन के भाव। और मैं पूरा करलेता

बड़े चाब से लिखता हूँ मन के भाव।
और मैं पूरा करलेता हूँ तेरा अभाव।

छुप छुपकर देखा तो छुपालिया तुम्हें!
मेरी साँसों में समाया उसका शबाब।

कोई चला गया छोड़ कर कोई आया!
वह देने और लेने  वाला  बड़ा नबाव।

कशिश मोहब्बत की खींचे तेरी ओर!
सफ़र में मिलतीं मुश्किलें बे-हिसाब।

न घबराना न हिम्मत हारना कभी तू!
तेरे साथ ही पूरा करेंगे अपना ख़्वाब।

मैं इस तपती दोपहरी की तल्ख़ी में!
तरन्नुम से देता मुश्किलों को ज़बाब। ♥️ Challenge-604 #collabwithकोराकाग़ज़ 

♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) 

♥️ विषय को अपने शब्दों से सजाइए। 

♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।
बड़े चाब से लिखता हूँ मन के भाव।
और मैं पूरा करलेता हूँ तेरा अभाव।

छुप छुपकर देखा तो छुपालिया तुम्हें!
मेरी साँसों में समाया उसका शबाब।

कोई चला गया छोड़ कर कोई आया!
वह देने और लेने  वाला  बड़ा नबाव।

कशिश मोहब्बत की खींचे तेरी ओर!
सफ़र में मिलतीं मुश्किलें बे-हिसाब।

न घबराना न हिम्मत हारना कभी तू!
तेरे साथ ही पूरा करेंगे अपना ख़्वाब।

मैं इस तपती दोपहरी की तल्ख़ी में!
तरन्नुम से देता मुश्किलों को ज़बाब। ♥️ Challenge-604 #collabwithकोराकाग़ज़ 

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