ये कैसा वक़्त है साहिब? दूर तलक़ नहीं कोई अपना सा हर तरफ मौत का मंजर भरोसा अब नहीं सांसों का अधूरे हैं सभी अरमान कोई कांधा नहीं सहारे का #वक़्त #अकेलापन #मनोज_कुमार_मंजू #मंजू