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गुलशन सुने सुने हो गये,"पंछी"हो गये प्रेम दिवाने!

 गुलशन सुने सुने हो गये,"पंछी"हो गये प्रेम दिवाने!
मिलती नही कोई प्रेम दिवानी,क्या हो गया राम ही जाने!

यौवन के मद मे जौबन,
अश्लील कुमारी हो गई अलका!
हवस बना है रुप प्रेम का,
ये कैसी मुहोब्बत राम ही जाने!
 गुलशन सुने सुने हो गये,"पंछी"हो गये प्रेम दिवाने!
मिलती नही कोई प्रेम दिवानी,क्या हो गया राम ही जाने!

यौवन के मद मे जौबन,
अश्लील कुमारी हो गई अलका!
हवस बना है रुप प्रेम का,
ये कैसी मुहोब्बत राम ही जाने!