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अनुभूति और भावनाओं को अच्छी तरह दरसाएगी दूसरो को

अनुभूति और भावनाओं को अच्छी तरह दरसाएगी
 दूसरो को अपनी ओर आकर्षित कर इठलाएगी 
कभी वाणी अमृत तो कभी विष का काम करती है 
वाणी है शक्ति और संयम वाणी का अलंकार 
अगर इस अमूल्य निधि का दुरपयोग कर जाओगे 
अपने जीवन को गर्हित और पतित बनाते जाओगे 
जो वाणी हो  मधुर, हितकर वही अमृतकर कहलाएगी
जिस वाणी मे उपहास,कटुता वो विषमय हो जायगी

©Shikha Srivastava
  #वाणी #वाणी_का_महत्व