लब पे मेरे अलफ़ाज़ तुम्हारा होगा, ख़ामोशी में मेरी राज़ तुम्हारा होगा, इश्क़ के गलियों से गुज़रा कभी जो मै तो, सर पे मेरे इश्क़-E-ताज तुम्हारा होगा.. लब पे मेरे अलफ़ाज़ तुम्हारा होगा, ख़ामोशी में मेरी राज़ तुम्हारा होगा, इश्क़ के गलियों से गुज़रा कभी जो मै तो, सर पे मेरे इश्क़-E-ताज तुम्हारा होगा.. BeBaAk sHaYaR