चलिए शुरू करते हैं... “मैं भी तो लिख सकता था ये गीत खनकती पायल पे, आंखों के कजरे पर पहनी कमर की वो रसपायन पे। लिख सकता था प्रेम तुम्हारा कलम की तिल-तिल स्याही से, मैं भी बनता मजनू कोई लिखता गीत जुदाई पे।” (1/20) #भारत_माता #भारत_माता #देशभक्ति #faujikealfaaz #diltofaujihaiji #kuldeepsharma #ballpen #lovefornation YourQuote Baba ❤️ YourQuote Didi