मीरा सा प्रेम है मेरा मन बेचैन गिरिधर के दर्शन पाने को और ना जाऊंगी छोड़ ये कुटिया अपनी कभी तो आएंगे वो अपना किया वादा निभाने को #अनकहेअल्फाज़ #कृष्णदीवानीमीरा