दोस्त थे कई अब दोस्त रहा ना कोई, ज़िन्दगी के रंग सारे, फीके से पड़ गए। ख़ेलते थे जो बचपन में संग हमारे, अब वो अपनी ही ज़िन्दगी में व्यस्त हो गए। #nojoto#nojotohindi#poetry#bachpankiyaad#hindishayri