शायरी इरशाद मेरी कलम मेरी इच्छाएँ लिखती हैं, आँसू से आँसू मिलकर शब्द बुनती हैं। कभी मैं भी शायरी से दूर रह करता था, पर जबसे आपके इश्क में पड़ा, तेरी ही बात करती हैं।। चलो हम भी डूब जाते हैं, आपकी निगाहों में, क्योंकि आपकी निगाहें, हम से हमी को छीन लेती है।। लेखक : विजय सर जी ©कवि विजय सर जी #Tuaurmain शायरी लव शायरी शायरी दर्द शायरी हिंदी में लव शायरी