ना जाने क्यों......उससे अक्सर मिलना अच्छा लगता है, ना जाने क्यों......उससे घंटों बात करना अच्छा लगता है, ना जाने क्यों......उसके साथ बिताया हर पल चेहरे पर मुस्कुराहट ले आता है, ना जाने क्यों....... उसके साथ गुज़ारा हर लम्हा मीठी सी याद होता है, ना जाने क्यों....... उसका समझाना अच्छा लगता है, ना जाने क्यों....... ना जाने क्यों...... हर क्यों का जवाब हो...... जरूरी तो नहीं, हर रिश्ता मोहब्बत पर खत्म हो...... जरूरी तो नहीं। कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं.....जो एहसासों से जुड़े होते हैं, कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं....जो दिल के बेहद करीब होते हैं, कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं....जो दोस्त होते हुए भी दोस्ती से बढ़कर होते हैं, कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं.......जो बहुत ही खास होते हैं, ऐसे रिश्तों को जिन्हें दिल ने संवारा है, उन्हें दिल तक ही रहने देते हैं। Kuch rishte dil se jude hote hai, Dosti r mohabbat k beech ka ye rishta bhot hi khoobsurat hota hai.....