जागते दिखते हैं मुझे मेरे ख़्वाब सारे, तो सोते दिखते हैं सपने। आँखे खोले ही दिखते हैं ख्वाब, तो बंद किये दिखते हैं सपने। सोने न देते मुझे ये ख्वाब सारे, तो नहीं जागने देते मुझे मेरे सपने। बुनता रहता हूँ मैं मेरे ख्वाब सारे, तभी तो दिखते मुझे मेरे सपने। सोते-जागते अनवरत जारी रहते, मेरे इस दिमाग का शुक्रिया। जो सोचने के बाद दिखाते ख़्वाब दिन में, तो सोने के बाद सपने। सोच से बनते ख़्वाब 'रंजन' और ख़्वाब दिखाते तुझे तेरे सपने। मंज़िलों के रास्ते बुनते मेरे ख़्वाब, और रास्तों पर चलते मेरे सपने। 116. कुछ अंतर ख़्वाब और सपनों में। #सपने #रंजनकश्यप #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqtales #yqhindi #love