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इन हवाओं से तेरे महकने की बू आ रही है कहीं तुन्हे

इन हवाओं से तेरे महकने की बू आ रही 
है कहीं तुन्हें मेरा दिया हुआ
 इत्र तो नहीं लगाया,
और मुझे भुला देना ख्याल हैं बेसक तेरा
 ज़ालिम अभी तक तो तुन्हे भी 
मुझे नहीं भुलाया।

©Anuj gurjar101 इन हवाओं से तेरे महकने की बू आ रही है 
कहीं तुन्हें मेरा दिया हुआ
 इत्र तो नहीं लगाया,
और मुझे भुला देना ख्याल हैं बेसक तेरा
 ज़ालिम अभी तक  तो तुन्हे भी 
मुझे नहीं भुलाया।#nojoto sad shayri#kanak lakhesher#satyaprem#
इन हवाओं से तेरे महकने की बू आ रही 
है कहीं तुन्हें मेरा दिया हुआ
 इत्र तो नहीं लगाया,
और मुझे भुला देना ख्याल हैं बेसक तेरा
 ज़ालिम अभी तक तो तुन्हे भी 
मुझे नहीं भुलाया।

©Anuj gurjar101 इन हवाओं से तेरे महकने की बू आ रही है 
कहीं तुन्हें मेरा दिया हुआ
 इत्र तो नहीं लगाया,
और मुझे भुला देना ख्याल हैं बेसक तेरा
 ज़ालिम अभी तक  तो तुन्हे भी 
मुझे नहीं भुलाया।#nojoto sad shayri#kanak lakhesher#satyaprem#