इन हवाओं से तेरे महकने की बू आ रही है कहीं तुन्हें मेरा दिया हुआ इत्र तो नहीं लगाया, और मुझे भुला देना ख्याल हैं बेसक तेरा ज़ालिम अभी तक तो तुन्हे भी मुझे नहीं भुलाया। ©Anuj gurjar101 इन हवाओं से तेरे महकने की बू आ रही है कहीं तुन्हें मेरा दिया हुआ इत्र तो नहीं लगाया, और मुझे भुला देना ख्याल हैं बेसक तेरा ज़ालिम अभी तक तो तुन्हे भी मुझे नहीं भुलाया।#nojoto sad shayri#kanak lakhesher#satyaprem#