तक़दीर किसी को बुरा वक़्त न दिखाये मज़बूरी में कोई साथ न छोड़ जाये , चल देते हैं यहाँ अपने ही रोता छोड़कर अकेले ही सोना पड़ता है मुँह मोड़कर , नज़र से नज़र मिलाना ही भूल जाये ऐसी "सुनसान रातें" कभी न आये...$$!! 🎀 Challenge-220 #collabwithकोराकाग़ज़ 🎀 यह व्यक्तिगत रचना वाला विषय है। 🎀 कृपया अपनी रचना का Font छोटा रखिए ऐसा करने से वालपेपर खराब नहीं लगता और रचना भी अच्छी दिखती है। 🎀 विषय वाले शब्द आपकी रचना में होना अनिवार्य नहीं है। 6 पंक्तियों में अपनी कविता लिखिए। (ध्यान रहे कविता लिखनी है)