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#5LinePoetry देख काल का चक्र सर्वस्व निगलता जा रहा

#5LinePoetry देख काल का चक्र सर्वस्व निगलता जा रहा...
ग्रह सहमें, चंद्र बिख़रा, सूर्य पिघलता जा रहा...
कोई मेरा, कोई तेरा रे बंधु बिछड़ता जा रहा...
शून्य, पाताल काजल कोठरी में ढ़लता जा रहा...
संभल स्वयं "हृदय" ईश समस्या गढ़ता जा रहा...!!!
-रेखा "मंजुलाहृदय"

©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" #ज़िंदगी #current_situation #corona #Rekhasharma #मंजुलाहृदय #5LinePoetry #May 17th, 2021
#5LinePoetry देख काल का चक्र सर्वस्व निगलता जा रहा...
ग्रह सहमें, चंद्र बिख़रा, सूर्य पिघलता जा रहा...
कोई मेरा, कोई तेरा रे बंधु बिछड़ता जा रहा...
शून्य, पाताल काजल कोठरी में ढ़लता जा रहा...
संभल स्वयं "हृदय" ईश समस्या गढ़ता जा रहा...!!!
-रेखा "मंजुलाहृदय"

©Rekha💕Sharma "मंजुलाहृदय" #ज़िंदगी #current_situation #corona #Rekhasharma #मंजुलाहृदय #5LinePoetry #May 17th, 2021