Nojoto: Largest Storytelling Platform

आज फिर से बचपन की वो बचपना याद आ रही है। बार

आज फिर से बचपन की वो

बचपना याद आ रही है।  
 
 बारिश की वो बचपना    
 
फिर से इन आंखो में मुस्का

रही है। दोस्तो के संग टायर

की वो दौड़ लगाना, बहते 

पानी में कागज की वो नाव

चलना,बारिश की बूंदों को 

पीना,और फिर पानी में छप

छप की आवाज लगाना,   

बचपन की वो बचपना आज

इन आखों में दौड़ लगा रही है। बचपन की वो बचपना
आज फिर से बचपन की वो

बचपना याद आ रही है।  
 
 बारिश की वो बचपना    
 
फिर से इन आंखो में मुस्का

रही है। दोस्तो के संग टायर

की वो दौड़ लगाना, बहते 

पानी में कागज की वो नाव

चलना,बारिश की बूंदों को 

पीना,और फिर पानी में छप

छप की आवाज लगाना,   

बचपन की वो बचपना आज

इन आखों में दौड़ लगा रही है। बचपन की वो बचपना

बचपन की वो बचपना