तेरे बिन दिल रेगिस्तान हो गया है ना बरसती यहाँ खुशियों की बारिश आलिशान महल भी विरान हो गया है तन्हाई की इस बेला में हर मंजर श्मशान हो गया है जुदाई में डुबकी, नहीं रही सुध खुद की