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लगता यूँ है जब से होशियार हुए हैं तब से मौत की ख

लगता यूँ है 
जब से होशियार हुए हैं तब से 
मौत की खोज में यात्रा किये जा रहें हैं निरन्तर 
इस यात्रा बढ़ती उम्र के पड़ाव में 
खुशियाँ , सुंदरता , प्यार , अपनापन , अपने लोग जैसे 
चीजों को खरीद रहें हैं 
इन चीजों को जी भर कर गले लगाया भी नही 
की मानों रेलगाड़ी प्लेटफॉर्म से चल पड़ी 
और मधुर खरीदारी रह गयी 
जीवन की इस यात्रा के चोर उचक्के लुटेरे भी मिले 
जो खुशियाँ , प्यार , सुंदरता , अपने लोग जैसे
 अनमोल चीजों को
 कभी चोरी तो कभी लूट कर ले गये। 
और  मुझे गम , चिंता , व्याकुलता ,अकेला , बिलखता
 यात्रा में छोड़ गया मौत के सफर में । 
मेरा दिल है और दिमाग जो गलती पर गलती किये जा रहें हैं 
मेरा तन है जो उनकी हरकतों से रोज ज़ख्म पर ज़ख्म सह रहा है ।

@निशीथ

©Nisheeth pandey #Yaatra 
लगता यूँ है 
जब से होशियार हुए हैं तब से 
मौत की खोज में यात्रा किये जा रहें हैं निरन्तर 
इस यात्रा बढ़ती उम्र के पड़ाव में 
खुशियाँ , सुंदरता , प्यार , अपनापन , अपने लोग जैसे 
चीजों को खरीद रहें हैं 
इन चीजों को जी भर कर गले लगाया भी नही
लगता यूँ है 
जब से होशियार हुए हैं तब से 
मौत की खोज में यात्रा किये जा रहें हैं निरन्तर 
इस यात्रा बढ़ती उम्र के पड़ाव में 
खुशियाँ , सुंदरता , प्यार , अपनापन , अपने लोग जैसे 
चीजों को खरीद रहें हैं 
इन चीजों को जी भर कर गले लगाया भी नही 
की मानों रेलगाड़ी प्लेटफॉर्म से चल पड़ी 
और मधुर खरीदारी रह गयी 
जीवन की इस यात्रा के चोर उचक्के लुटेरे भी मिले 
जो खुशियाँ , प्यार , सुंदरता , अपने लोग जैसे
 अनमोल चीजों को
 कभी चोरी तो कभी लूट कर ले गये। 
और  मुझे गम , चिंता , व्याकुलता ,अकेला , बिलखता
 यात्रा में छोड़ गया मौत के सफर में । 
मेरा दिल है और दिमाग जो गलती पर गलती किये जा रहें हैं 
मेरा तन है जो उनकी हरकतों से रोज ज़ख्म पर ज़ख्म सह रहा है ।

@निशीथ

©Nisheeth pandey #Yaatra 
लगता यूँ है 
जब से होशियार हुए हैं तब से 
मौत की खोज में यात्रा किये जा रहें हैं निरन्तर 
इस यात्रा बढ़ती उम्र के पड़ाव में 
खुशियाँ , सुंदरता , प्यार , अपनापन , अपने लोग जैसे 
चीजों को खरीद रहें हैं 
इन चीजों को जी भर कर गले लगाया भी नही

#Yaatra लगता यूँ है जब से होशियार हुए हैं तब से मौत की खोज में यात्रा किये जा रहें हैं निरन्तर इस यात्रा बढ़ती उम्र के पड़ाव में खुशियाँ , सुंदरता , प्यार , अपनापन , अपने लोग जैसे चीजों को खरीद रहें हैं इन चीजों को जी भर कर गले लगाया भी नही #कविता #intezaar #talaash #kinaara #uskebina #Streaks #tootadil #BehtaLamha #ChaltiHawaa #UskePeechhe