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#मुक्तक जो ठेकेदार है आतंक के उनकी बजा दी

#मुक्तक
जो  ठेकेदार  है   आतंक   के  उनकी  बजा  दी  जी।
ये छप्पन इंची सीने की फिर से ताकत दिखा दी जी।
बुझी  ना  थी  अभी  तक  आग  वैसे ही हलाला की,
लगे  हाथों  से  तुमने  तीन   सौ  सत्तर  हटा  दी  जी।

रचनाकार:- अविनाश सिंह अमेंठिया
(देवरिया) +919135481448 #NojotoQuote #370
#मुक्तक
जो  ठेकेदार  है   आतंक   के  उनकी  बजा  दी  जी।
ये छप्पन इंची सीने की फिर से ताकत दिखा दी जी।
बुझी  ना  थी  अभी  तक  आग  वैसे ही हलाला की,
लगे  हाथों  से  तुमने  तीन   सौ  सत्तर  हटा  दी  जी।

रचनाकार:- अविनाश सिंह अमेंठिया
(देवरिया) +919135481448 #NojotoQuote #370