नहीं आये तिलक में तो, सभी बारात में आएँ। पहुँच बारात में मेरे, सभी मिल साथ में खाएँ। दिखें साथी सभी अपने,मजा भी खूब कर लेंगे- यही सब सोचकर के आप झूमें और अब गाएँ। #मुक्तक #बारात #विश्वासी