नहीं आये तिलक में तो, सभी बारात में आएँ। पहुँच

नहीं आये  तिलक में तो, सभी बारात  में आएँ।

पहुँच  बारात  में मेरे, सभी मिल  साथ में खाएँ।

दिखें साथी सभी अपने,मजा भी खूब कर लेंगे-

यही सब सोचकर के आप  झूमें और अब गाएँ।
 #मुक्तक #बारात #विश्वासी
नहीं आये  तिलक में तो, सभी बारात  में आएँ।

पहुँच  बारात  में मेरे, सभी मिल  साथ में खाएँ।

दिखें साथी सभी अपने,मजा भी खूब कर लेंगे-

यही सब सोचकर के आप  झूमें और अब गाएँ।
 #मुक्तक #बारात #विश्वासी
नहीं यह आम के दम पर,नहीं फिर खास के दम पर।

चले जीवन निरंतर यह, फ़क़त इक आस के दम पर।

लिए   पतवार   सब   बैठे, नदी  के   बीच  धारा  में-

टिकी है नाव  जीवन की, अटल विश्वास  के दम पर।
 #मुक्तक #विश्वास #विश्वासी
नहीं यह आम के दम पर,नहीं फिर खास के दम पर।

चले जीवन निरंतर यह, फ़क़त इक आस के दम पर।

लिए   पतवार   सब   बैठे, नदी  के   बीच  धारा  में-

टिकी है नाव  जीवन की, अटल विश्वास  के दम पर।
 #मुक्तक #विश्वास #विश्वासी
अगर  विश्वास  तोड़ोगे, मुहब्बत  टूट  जाएगी।

बची जो शोहरत खुद की,यहाँ से लूट जाएगी।

निभाना तुम  वफ़ा मुझसे, सदा ईमानदारी से-

अगर जो  साथ छोड़ोगे, ये साँसें  छूट जाएगी।
 #मुक्तक #विश्वास #विश्वासी
अगर  विश्वास  तोड़ोगे, मुहब्बत  टूट  जाएगी।

बची जो शोहरत खुद की,यहाँ से लूट जाएगी।

निभाना तुम  वफ़ा मुझसे, सदा ईमानदारी से-

अगर जो  साथ छोड़ोगे, ये साँसें  छूट जाएगी।
 #मुक्तक #विश्वास #विश्वासी
हों कभी जो विफल गर तनिक मत मलाल कीजिए।

रह गयी क्या कमी  खुद से ही कुछ सवाल कीजिए।

मुश्किलों   से   करें   बिन   डरे   बेमिसाल  सामना,

मेहनत  से  अजी  आप  भी अब  कमाल  कीजिए।

     #मुक्तक  #विश्वासी
हों कभी जो विफल गर तनिक मत मलाल कीजिए।

रह गयी क्या कमी  खुद से ही कुछ सवाल कीजिए।

मुश्किलों   से   करें   बिन   डरे   बेमिसाल  सामना,

मेहनत  से  अजी  आप  भी अब  कमाल  कीजिए।

     #मुक्तक  #विश्वासी
चले वे  सहर में ही  शहर  के लिए।
रखे  संग भोजन  दोपहर  के लिए।
तलाशे थे वे दिनभर न रोज़ी मिला-
चले खाली ही हाथ वे घर के लिए।
 #मुक्तक  #विश्वासी
चले वे  सहर में ही  शहर  के लिए।
रखे  संग भोजन  दोपहर  के लिए।
तलाशे थे वे दिनभर न रोज़ी मिला-
चले खाली ही हाथ वे घर के लिए।
 #मुक्तक  #विश्वासी
न जाने वो  क्यों दूर  जाने  लगे  हैं।
घड़ी  हर  घड़ी  क्यों सताने लगे हैं।
कभी रोज आँखें मिलाये थे जिनसे-
हमें  आज  आँखे  दिखाने  लगे  हैं।
 #मुक्तक #विश्वासी
न जाने वो  क्यों दूर  जाने  लगे  हैं।
घड़ी  हर  घड़ी  क्यों सताने लगे हैं।
कभी रोज आँखें मिलाये थे जिनसे-
हमें  आज  आँखे  दिखाने  लगे  हैं।
 #मुक्तक #विश्वासी
बसी है छवि तेरी दिल में,करूँ भी क्या भला मैं अब।

लुटाने  प्यार  तुझ  पर  ही, गली  तेरे  चला  मैं  अब।

जरा भी अब न तड़पाओ, किया वादा निभाओ तुम-

मुहब्बत की  धधक में तो,सनम  पूरा  जला  मैं अब।

 #मुक्तक #विश्वासी
बसी है छवि तेरी दिल में,करूँ भी क्या भला मैं अब।

लुटाने  प्यार  तुझ  पर  ही, गली  तेरे  चला  मैं  अब।

जरा भी अब न तड़पाओ, किया वादा निभाओ तुम-

मुहब्बत की  धधक में तो,सनम  पूरा  जला  मैं अब।

 #मुक्तक #विश्वासी
लबों  को  चूम  लूँ  तेरे,गले  तुमको  लगा  लूँ  मैं।

अलख ये प्रेम की जानम,जरा दिल में जगा लूँ मैं।

दरस अपना  मुझे दे दो, नहीं अब दूर जाओ तुम-

बदन  के   नूर  से  तेरे, दिये  सा  जगमगा  लूँ  मैं।
 #मुक्तक #विश्वासी
लबों  को  चूम  लूँ  तेरे,गले  तुमको  लगा  लूँ  मैं।

अलख ये प्रेम की जानम,जरा दिल में जगा लूँ मैं।

दरस अपना  मुझे दे दो, नहीं अब दूर जाओ तुम-

बदन  के   नूर  से  तेरे, दिये  सा  जगमगा  लूँ  मैं।
 #मुक्तक #विश्वासी
तुम जब भी बुलाओ चले आयेंगे।
मिलने  तुझसे  हम   गले  आयेंगे।
तुम सदा साथ देने  का वादा करो,
तुम्हारे बुलाने से भी पहले आयेंगे। #मुक्तक 
#विश्वासी
तुम जब भी बुलाओ चले आयेंगे।
मिलने  तुझसे  हम   गले  आयेंगे।
तुम सदा साथ देने  का वादा करो,
तुम्हारे बुलाने से भी पहले आयेंगे। #मुक्तक 
#विश्वासी
भला  है  या  बुरा  कोई  न  हम  पहचान  पाते हैं।

किसी के दिल में क्या है चोर कब ये जान पाते हैं।

बहुत ही  जाँचे-परखे तो  हमें भी ये समझ आया,

कि जितना मान दें औरों  को उतना  मान पाते हैं। #मुक्तक  #विश्वासी
भला  है  या  बुरा  कोई  न  हम  पहचान  पाते हैं।

किसी के दिल में क्या है चोर कब ये जान पाते हैं।

बहुत ही  जाँचे-परखे तो  हमें भी ये समझ आया,

कि जितना मान दें औरों  को उतना  मान पाते हैं। #मुक्तक  #विश्वासी
यूँ दिल के पाश से अब तो रिहाई हो नहीं सकती।
करे  कुछ भी जमाना पर  जुदाई हो नहीं सकती।
मैं   हूँ  तेरा, तू  है  मेरी,हकीकत  है  यहीं  केवल-
जिसे  अपना चुका  हूँ  मैं, पराई  हो नहीं सकती।




 #मुक्तक #विश्वासी
यूँ दिल के पाश से अब तो रिहाई हो नहीं सकती।
करे  कुछ भी जमाना पर  जुदाई हो नहीं सकती।
मैं   हूँ  तेरा, तू  है  मेरी,हकीकत  है  यहीं  केवल-
जिसे  अपना चुका  हूँ  मैं, पराई  हो नहीं सकती।




 #मुक्तक #विश्वासी