मर रहें है मरने दो, ये कलाम थोड़ी है सड़ रहे है सड़ने दो,ये भगवान थोड़ी है थूक रहें है डॉक्टरों पर, ये मुसलमान थोड़ी है कुरान पढ़ो इंशान बनो, मानव हित मे काम करो। #मेरे #विचार #अंकित #निज़ामुद्दीन