गर धरती माँ जो बोल पाती तो जो दिल में है वो पीड़ा सुनाती रोती बिलखती सबको बताती कैसे इंसानों ने माँ की जमीं और सागर है बांटे खुद के बेटों ने माँ पर भी अत्याचार खूब किया है वन रूपी माँ के गहनों को उजाड़ दिया है अब भी समय है सब सुधर जाओ नहीं तो माँ को गुस्से में समझना पड़ेगा इन बिगड़े हुए अपने ही बेटों को मिटाना पड़ेगा ✍️❤️वाला प्यारे दोस्तों अगर मेरी रचना पसंद आए तो लाइक कर दे साथ में 🔔👈दबाना ना भूले. धन्यवाद 🙏🙏🙏 #SaveMotherEarth#Dilwala Neha Goyal ⭐📖 smita with a kind ❤️ Gauri singh